एक किसान के संघर्ष की कहानी: संकल्प और सफलता
मेरे पिता हरिसिंह गुर्जर एक किसान थे, जिनका जन्म दौसा जिले की महवा तहसील के ग्राम पावटा में हुआ था। उनके विचार अशिक्षित होते हुए भी आधुनिक थे, और उन्होंने अपने बेटों को सफल बनाने के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया।
आज के समय में जब एक बच्चे को भी पढ़ा लिखाकर सफल बनाना बहुत कठिन है, तो आज से दो तीन दशक पहले कितना कठिन रहा होगा। लेकिन मेरे पिता ने अपने मेहनत मजदूरी एवम किसानी कर अपने बेटों को सफल बनाने के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया।
उनके सभी बेटे आज समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं:
- ओमप्रकाश गुर्जर, एचसी राजस्थान पुलिस
- गोपी सिंह गुर्जर, पटवारी महवा
- गोविंद सिंह गुर्जर, आर्मी
- समुंदर सिंह गुर्जर, सहायक प्रशासनिक अधिकारी पीडब्ल्यूडी राजस्थान
- भीम सिंह गुर्जर निजी क्षेत्र में कार्यरत (समाजसेवी)
उनकी कहानी हमें सिखाती है कि संघर्ष और संकल्प के साथ, हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने अपने बेटों को शिक्षा दिलाने के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया, और आज वे सभी सफल हैं।
उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संकल्पित रहें। मेरे पिता की कहानी एक प्रेरणा है कि हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं यदि हम संघर्ष करें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संकल्पित रहें।
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